मिर्जा गालिब - मरते हैं आरजू में मरने की / मौत आती है पर नहीं आती


कोई उम्मीद बर नहीं आती 
कोई सूरत नजर नहीं आती 
मौत का एक दिन मु'अय्यन है 
नींद क्यों रात भर नहीं आती 
आगे आती थी हाल-ए-दिल पे हँसी 
अब किसी बात पर नहीं आती 
जानता हूँ सवाब-ए-ता'अत-ओ-जहद 
पर तबीयत इधर नहीं आती 
है कुछ ऐसी ही बात जो चुप हूँ 
वर्ना क्या बात कर नहीं आती 
क्यों न चीखूँ कि याद करते हैं 
मेरी आवाज गर नहीं आती 
दाग-ए-दिल नजर नहीं आता 
बू-ए-चारागर नहीं आती 
हम वहाँ हैं जहाँ से हम को भी 
कुछ हमारी खबर नहीं आती 
मरते हैं आरजू में मरने की 
मौत आती है पर नहीं आती 
काबा किस मुँह से जाओगे गालिब 
शर्म तुमको मगर नहीं आती 


प्रिय पाठकगण, सादर अभिनंदन !
कृपया इस वेबसाइट को नियमित देखिए, यहां प्रकाशित सामग्री पर अपनी प्रतिक्रिया दीजिए। आपको जो आलेख पसंद आए उसे औरों को शेअर करें। अपने आलेख, समाचार, विज्ञापन, रचनाएं इत्यादि छपवाने व रिपोर्टर बनने के लिए आवेदन कृपया व्हाट्सऐप 9897791822 पर भेजें। कृपया फोन न करें। जो भी बात कहनी हो उसे व्हाट्सऐप पोस्ट या मैसेज के जरिये ही भेजें।


Popular posts
वे मुसलमान थे - देवी प्रसाद मिश्र की कविता
Image
रामधारी सिंह दिनकर - समर शेष है नहीं पाप का भागी केवल व्याध, जो तटस्थ हैं, समय लिखेगा उनके भी अपराध
Image
कुछ कविताएं - ओमप्रकाश वाल्मीकि : शब्द झूठ नहीं बोलते / सदियों का संताप / उन्हें डर है / तब तुम क्या करोगे / कभी सोचा है ?-- यदि तुम्हें, सरे आम बेइज्जत किया जाय, छीन ली जाय संपत्ति तुम्हारी
Image
#Biggini Shoot मालदीव में Tapsee Pannu ने की मस्ती, शेयर की बिकिनी तस्वीरें, समर्थक कर रहे प्रोत्साहित, जानिये तापसी की आने वाली फिल्मों के नाम और डाइट प्लान
Image
क्या होती है कीटो डाइट जिससे युवा अभिनेत्री मिस्टी मुखर्जी की जान गई ? आप भी डाइटिंग कर रहे हैं और सतर्क रहें
Image