नई दिल्ली। विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के चौथे दिन यहां जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में मंगलवार को प्रदर्शनकारी छात्रों और स्थानीय लोगों ने प्रदर्शनकर्त्ताओं के द्वारा फैलाए गए कचड़े को साफ कर इस बात को सुनिश्चित करने का कार्य किया कि विश्वविद्यालय के पास की सड़कें स्वच्छ बनी रहें। विश्वविद्यालय के एक छात्र आकिब ने आईएएनएस से कहा, यह हमारा परिसर है और हमें चाहिए कि हम इसे साफ रखें। भीड़ का प्रबंधन कर रहे विश्वविद्यालय के छात्रों ने फैसला किया कि प्रदर्शनकत्ताओं और आने जाने वाले लोगों के द्वारा फैलाए गए कचड़े को इकट्ठा करने का कार्य वह करेंगे।
उन्होंने कहा, हमने विश्वविद्यालय परिसर क्षेत्र से कूड़ा इकट्ठा किया और बाद में परिसर के पास कचरे के डब्बों में इसे फेंक दिया गया। एक अन्य छात्र फराज खान ने कहा, जैसा कि हम सीएए और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरसी) पर अपना विरोध जारी रखते है, हम सुनिश्चित करते हैं कि विरोध स्थल यानी गेट नंबर 7 को स्वच्छ रखा जाए।
उन्होंने कहा, हमने डिस्पोजेबल पानी की बोतलें, बिस्कुट के पैकेट, पेपर कट जैसे कचरे को इकट्ठा किया। चाय के कप, छोड़े गए पोस्टर और अन्य सामान को डस्ट बिन में डंप किया गया। असदक ने कहा कि स्थानीय लोगों ने इस बात का ध्यान रखा कि प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थी भूखे पेट ना जाएं। उन्होंने कहा, प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थियों के लिए वह हर बार पानी, बिस्कुट, बिरयानी, फल और जूस लेकर आ रहे थे।
असदक ने आगे कहा, इस्तेमाल में आने के तुरंत बाद इस बात का ध्यान रखा जा रहा था कि फेंके गए पैकेट को तुरंत उसी समय उठाकर रख लिया जाए। हमने यह भी सुनिश्चित किया कि प्रदर्शन के चलते इलाके में यातायात की समस्या बाधित ना हो। उन्होंने कहा कि स्थानीय वॉलेंटियर ने भी इस बात का ध्यान रखा कि विश्वविद्यालय परिसर के पास यातायात प्रभावित ना हो।
उधर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को जामिया मिलिया इस्लामिया (जेएमआई) विश्वविद्यालय परिसर में पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई को जलियांवाला बाग कांड जैसा करार दिया। उन्होंने यह भी कहा कि विद्यार्थी युवा बम के समान होते हैं और केंद्र को चाहिए कि वह उनके साथ इस प्रकार के व्यवहार से परहेज करे। दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया (जेएमआई) विश्वविद्यालय परिसर में रविवार को पुलिस ने कार्रवाई करते हुए वहां लाठीचार्ज किया, जहां छात्र-छात्राएं नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
अमेरिकी विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों के साथ-साथ देश भर के विश्वविद्यालय परिसरों में भी जामिया के छात्रों के साथ एकजुटता दिखाने को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पर ठाकरे ने कहा कि इस बात पर कोई स्पष्टता नहीं है कि कितने लोग देश में कब और कहां से प्रवेश करेंगे। उन्होंने यहां आने के बाद उनके बसने पर भी सवाल उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि सीएए के माध्यम से नागरिकता पाने वाले हिंदुओं और अन्य अप्रवासियों को वह कहां बसाएगी।
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