जीएसटी ने अर्थव्यवस्था, रोजगार का बेड़ा गर्क किया, लगातार बदलावों से लोग रहे परेशान, सरकार को मिला कम टैक्स, अब दो स्लैब की वकालत !


नयी दिल्ली। 30 जून 2017 की आधी रात में देश में नई आजादी के नाम से लागू सरकारी कर राजस्व व्यवस्था जीएसटी से लाखों उद्योग, कारोबार और करोड़ों लोग तबाह हो गये। इसमें लगातार बदलाव होते रहे। अब भी हालत खराब है और पूरी तरह कोई जीएसटी के प्रावधानों को समझ नहीं पाया है। इसमें लगातार सुधार की मांग हो रही है। नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने कहा है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत सिर्फ दो स्लैब होने चाहिए. इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि जीएसटी की दरों में बार-बार बदलाव नहीं किया जाना चाहिए. जरूरत होने पर जीएसटी की दरों में वार्षिक आधार पर बदलाव किया जाना चाहिए.
 गौरतलब है कि जीएसटी को एक जुलाई, 2017 को लागू किया गया. सभी अप्रत्यक्ष कर इसमें समाहित हो गये. उस समय से जीएसटी की दरों में कई बार बदलाव किया जा चुका है. अभी जीएसटी के तहत चार स्लैब 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी हैं. कई उत्पाद ऐसे हैं, जिनपर जीएसटी नहीं लगता. वहीं, पांच ऐसे उत्पाद हैं, जिनपर जीएसटी के अलावा उपकर भी लगता है.
 रमेश चंद ने कहा कि जब भी कोई बड़ा कराधान सुधार लाया जाता है, तो शुरुआत में उसमें समस्या आती है. उन्होंने कहा कि ज्यादातर देशों में जीएसटी को स्थिर होने में समय लगा. नीति आयोग के सदस्य चंद कृषि क्षेत्र को देखते हैं. उन्होंने जीएसटी की दरों में बार-बार बदलाव पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इससे समस्याएं पैदा होती हैं.
 केंद्रीय वित्त मंत्री की अगुआई वाली जीएसटी परिषद वस्तुओं और सेवाओं पर कर की दर तय करती है. सभी राज्यों के वित्त मंत्री भी परिषद के सदस्य हैं. जहां विभिन्न उत्पादों और सेवाओं पर जीएसटी की दर घटाने की मांग बार-बार उठती है. वहीं, कर के स्लैब घटाने की बात भी की जाती है.
 चंद ने कहा कि प्रत्येक क्षेत्र द्वारा जीएसटी की दर कम करने की मांग प्रवृत्ति बन कई है. मेरा मानना है कि जीएसटी के मुद्दे दरों को कम करने से कहीं बड़े हैं. उन्होंने कहा कि हमें बार-बार दरों में बदलाव नहीं करना चाहिए. हमें अधिक दरें नहीं रखनी चाहिए. सिर्फ दो दरें होनी चाहिए. चंद ने कहा कि हमें अपना ध्यान नयी अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था से राजस्व संग्रह बढ़ाने पर लगाना चाहिए, बजाय दरों में बार-बार बदलाव करने के.उन्होंने कहा कि यदि दरों में बदलाव करने की जरूरत है भी, तो यह वार्षिक आधार पर होना चाहिए. चंद कृषि अर्थशास्त्री भी हैं. प्रसंस्कृत खाद्य मसलन डेयरी उत्पादों पर जीएसटी की दरें घटाने की मांग पर चंद ने कहा कि ऐसे उत्पादों पर पांच फीसदी की दर काफी-काफी उचित है.


देश में व्याप्त बेरोजगारी, मंदी, महंगाई, असमानता, भेदभाव, हिंसा, भ्रष्टाचार इत्यादि के खिलाफ खुलकर बोलिए, लिखिए और इन बुराइयों के खिलाफ काम कर रहे लोगों को सहयोग दीजिए।
समाज की दुर्दशा आपके आज और भविष्य पर बुरा असर डालती है। बेहतर व्यवस्था के लिए आपका सतर्क और सक्रिय रहना जरूरी है। समस्याओं को उनकी समग्रता में समझना और संबंधित दोषियों की पहचान करना जरूरी है तभी उनसे कारगर तरीके से निपटा जा सकता है।
पत्रकार/रिपोर्टर बनने के लिए अपना समाचार, लेख, बायोडाटा, फोटो, किसी ज्वलंत विषय पर खरी-खरी संक्षिप्त टिप्पणी, साहित्यिक रचना, लघुकथा, कविता, फोटो - फीचर आदि हमें अपने नाम, पते, मोबाइल नंबर सहित मेल करें ईमेल peoplesfriend9@gmail.com पर।
 पीपुल्स फ्रैंड, उत्तरांचल जन दृष्टिकोण और लोक निर्णय समाचार पत्रों की निम्न वेबसाइट्स देखिए, जो सामग्री अच्छी लगे, उसे अपने मित्र-परिचितों को शेअर करें- peoplesfriend.page और uttaranchaljandrishtikon.page और
peopesfriendhindi.com और loknirnay.page


विवान इंटरप्राइजेज
लेबर चौक-सिडकुल ढाल के सामने, ट्रांजिट कैंप रोड, रुद्रपुर (ऊधम सिंह नगर) उत्तराखंड 
मो. 8953848586(रवि) 9084423333 (रोहित)
खराब मोबाइल ठीक करने, मोबाइल, डिश रिचार्ज, वाहन टैक्स, बिजली बिल जमा करने, फोटोस्टेट, बायोडाटा, सिम, आधार कार्ड निकलवाने, प्रिंटआउट, कलर फोटो बनवाने मनी ट्रांसफर, यूपी, हरियाणा एवं उत्तराखण्ड वाहन टैक्स जमा, बीमा, पासपोर्ट, पैनकार्ड आवेदन, समस्त आनलाइन फार्म, मतदाता पहचानपत्र, फोटो कापी, प्रिंटआउट, फास्ट टेग (टोल फ्री), ई-मेल, लिफाफे, बायोडाटा, रबड़ की मोहरें, फ्री पेटीएम केवाइसी, ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन पंजीकरण, फर्म, समिति, समाचार प्रकाशन, अखबार, पत्रिका रजिस्ट्रेशन, वेबसाइट, न्यूज पोर्टल संबंधी जानकारी सहित अनेक सुविधाएं उपलब्ध।


Popular posts
वे मुसलमान थे - देवी प्रसाद मिश्र की कविता
Image
रामधारी सिंह दिनकर - समर शेष है नहीं पाप का भागी केवल व्याध, जो तटस्थ हैं, समय लिखेगा उनके भी अपराध
Image
कुछ कविताएं - ओमप्रकाश वाल्मीकि : शब्द झूठ नहीं बोलते / सदियों का संताप / उन्हें डर है / तब तुम क्या करोगे / कभी सोचा है ?-- यदि तुम्हें, सरे आम बेइज्जत किया जाय, छीन ली जाय संपत्ति तुम्हारी
Image
#Biggini Shoot मालदीव में Tapsee Pannu ने की मस्ती, शेयर की बिकिनी तस्वीरें, समर्थक कर रहे प्रोत्साहित, जानिये तापसी की आने वाली फिल्मों के नाम और डाइट प्लान
Image
क्या होती है कीटो डाइट जिससे युवा अभिनेत्री मिस्टी मुखर्जी की जान गई ? आप भी डाइटिंग कर रहे हैं और सतर्क रहें
Image