नई दिल्ली। दुनिया भर में कोरोना का प्रभाव बढ़ रहा है। भारत में कोरोना वायरस (कोविड19) के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। भारत में इससे पीड़ित लोगों की संख्या 43 तक पहुंच गई है। वहीं दुनियाभर में 3800 से अधिक मौतें हो चुकी हैं और 1 लाख 10 हजार से अधिक मामले सामने आए हैं। ऐसे में लोगों के मन में इंश्योरेंस पॉलिसी को लेकर कई सवाल हैं , जैसे उनकी पॉलिसी में कोरोना के इलाज का खर्च शामिल होगा या नहीं, या कितना पैसा दिया जाएगा।
बीमा नियामक इरडा ने कुछ दिन पहले ही बीमा कंपनियों से ऐसी पॉलिसी तैयार करने को कहा था जिनमें कोरोना वायरस के इलाज का खर्च भी कवर हो। इरडा के अनुसार, हेल्थ इंश्योरेंस की जरूरत को पूरा करने के उद्देश्य से बीमा कंपनियों को सुझाव दिया जाता है कि वे ऐसे प्रोडक्ट डिजाइन करें जिसमें कोरोना वायरस के इलाज का खर्च भी कवर होता हो। इसके अलावा कोरोना वायरस के इलाज से संबंधित दावों को जल्दी निपटाने को कहा है ताकि मरीजों को जल्दी और सही इलाज मिल सके। इरडा ने कहा कि जिन मामलों में अस्पताल में भर्ती होने का खर्च कवर हो, बीमा कंपनियां यह सुनिश्चित करें कि कोविड19 से संबंधित मामलों का तेजी से निपटान किया जाए।
इरडा के बयान के बाद साधारण बीमा परिषद (जीआईसी) ने कहा है कि कोरोना वायरस समेत सभी संक्रामक रोग लगभग सभी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों में कवर किए जाते हैं। जीआईसी 44 साधारण बीमा कंपनियों का शीर्ष निकाय है। इसीलिए बीमा पॉलिसी वालों को डरने की जरूरत नहीं है। आपको आपकी पॉलिसी के हिसाब से बीमा कवर दिया जाएगा।
एसबीआई जनरल इंश्योरेंस के हेड सुब्रमण्यम बी का कहना है कि कोरोना वायरस के दावे का निपटान तभी हो सकता है जब मरीज 24 घंटे तक अस्पताल में भर्ती रहा हो। क्योंकि ज्यादातर स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी उन मरीजों को कवर नहीं करती है जो अस्पताल में 24 घंटे भर्ती ना रहे हों।
मैक्स बूपा हेल्थ इंश्योरेंस के एमडी आशीष मेहरोत्रा का कहना है कि किसी भी व्यक्ति को अगर कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया है तो उन्हें बीमा की राशि मिलेगी। कंपनी बीमा के दावे का निपटान जल्दी करेगी, हालांकि कंपनियों ने यह नहीं बताया कि अगर मरीज को अलग केंद्र में रखा जाता है तो उन्हें बीमा पॉलिसी का लाभ मिलेगा या नहीं। इसको लेकर कंपनियों की अभी तक कोई निश्चित पॉलिसी नहीं है। एसबीआई जनरल इंश्योरेंस हेड सुब्रमण्यम बी ने कहा कि अगर भारत सरकार या डब्ल्यूएचओ द्वारा कोरोना को महामारी घोषित किया जाता है तो इसमें बीमा का फायदा नहीं मिलेगी क्योंकि ऐसी बीमारियां पॉलिसी में कवर नहीं होतीं।
मालूम हो कि महामारी उस तरह की संक्रामक बीमारी होती है जिसकी चपेट में एक ही समय में दुनिया भर के लोग आने लगे हों। अगर दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में संक्रमण को बढ़ता है तो इसे महामारी कहा जाता है। वैश्विक महामारी तब फैलती है जब कोई नया वायरस आसानी से लोगों को संक्रमित कर ले और जिसका संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में हो। इसका कोई इलाज या वैक्सीन न हो तो इसके संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
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