अमेरिका कोरोना के इलाज की दवा ईजाद करने पर कर रहा मोटा खर्च, 72 चिकित्सकीय परीक्षण जारी, 211 परीक्षण योजनाएं


वाशिंगटन। कोरोना वायरस के जबरदस्त प्रकोप से अमेरिका बुरी तरह हिल गया है। शुरु मंे कोरोना से बचाव के संबंध में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लापरवाही बरती लेकिन जब कहर बरपा हुआ उनकी आलोचनाएं भी बहुत हुईं और ट्रंप का पूरा ध्यान भी पूरी तरह इसी पर लग गया। अब ट्रंप प्रशासन के एक शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा है कि घातक कोरोना वायरस का उपचार खोजने के लिए 72 चिकित्सकीय परीक्षण किए जा रहे हैं और 211 परीक्षण योजना के चरण में हैं. फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) के आयुक्त स्टीफन एम हान ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कोरोना वायरस की दवा और टीका खोजने का काम चालू है और एफडीए ने टीके संबंधी परीक्षणों के लिए दो कंपनियों को अधिकृत किया है.
 हान ने कहा, हम कोविड-19 का उपचार खोजने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं. हमारे पास कोविड-19 का कोई स्वीकृत उपचार नहीं है, लेकिन हम अकादमिक, वाणिज्यिक और निजी क्षेत्र के साथ मिलकर उपचार खोजने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा, एफडीए के निरीक्षण में अमेरिका में 72 चिकित्सकीय परीक्षण चल रहे हैं और 211 अभी योजना के चरण में हैं, यानी और परीक्षण किए जाने की संभावना है. हान ने कहा कि एफडीए ने विनिर्माताओं से कहा है कि अमेरिका में एंटी-बॉडी परीक्षण का प्रचार करने के लिए, उन्हें अपने परीक्षणों की मंजूरी लेनी होगी. उन्होंने बताया कि अमेरिका ने चार विनिर्माताओं को इसके लिए अधिकृत किया है और कई अन्य को अधिकृत किए जाने पर विचार किया जा रहा है.
 कोविड 19 के टीके को लेकर विश्व के कई देशों में परीक्षण जारी है. ब्रिटेन में टीका पर परीक्षण हो रहा है. वहां जानवारों पर टीके का परीक्षण सफल रहा है. इंसानों पर टीके का परीक्षण किया जा रहा है अगर वह सफल रहा तो टीके के प्रयोग हेतु आगे की कार्रवाई पूरी की जायेगी. पिछले दिनों इजरायल ने भी यह दावा किया था कि उससे कोरोना वायरस का का टीका बना लिया है. हालांकि अभी इसका विवरण सार्वजनिक नहीं किया गया है।


प्रिय साथियों, कोरोना रोकथाम के मद्देनजर किये गये लाॅकडाउन से गरीबों, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों, अनेक अनियमित जीविकोपार्जन के तरीकों को अपनाने वाले लोग बेहद संकट में हैं। निम्न और उच्च मध्यवर्ग को भी मुश्किलें आने वाली हैं। पीढ़ियों से जमे कारोबार और रोजगार खत्म हो गये हैं। सरकारी राहत ऊंट के मुहं में जीरा साबित हो रही है। लाॅकडाउन करने से पहले कम से कम दो तिहाई जनता के लिए सरकारों ने सामाजिक सुरक्षा के इंतजाम नहीं किये और कोरोना की जांच, उपचार के लिए जरूरी व्यवस्थाएं नहीं की गई। लाॅकडाउन करने के बाद ही इन कामों में तेजी आई है। अब गरीब से लेकर अमीर तक सब परेशान हैं। समकालीन भारत में वास्तव में क्या हो रहा है यह जानना और समझना और उसके हिसाब से अपने आपको / समाज को बचाने के लिए जरूरी है कि आप सही सूचनाएं ग्रहण करें। हमारा ऐसा ही प्रयास है। कृपया हमारी वेबसाइट देखें, अपनी राय, समाचार, रचनाएं भेजिए ईमेल peoplesfriend9@gmail.com  पर। मो. 9897791822 पर अपने नाम पते सहित अपना संदेश एसएमएस कर सकते हैं। रिपोर्टर बनकर अपनी आमदनी बढ़ाएं हमें भी सहयोग दें। हिंदी समाचार-विचार वेबसाइट्स- https://uttaranchaljandrishtikon.page और https://peoplesfriend.page


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