भूख, बदहाली, किडनी, लीवर, दिल, रक्तचाप, मधुमेह के बीमारों को राहत देने में योगी सरकार विफल, गायों के लिए चारा नहीं


लखनऊ। लाकडाउन के दौरान रोजी रोटी के संकट और स्वास्थ्य सेवाओं की खराब हालत का हवाला देते हुये समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार का नाम लिये बगैर कहा कि हालात पर पर्दा डालने की शुतुरमुर्गी चाल से संकट कम होने के बजाय और बढ़ेगा। यादव ने शनिवार को यहां जारी बयान में कहा कि लाॅकडाउन के कारण अन्य राज्यों से पलायन कर अपने प्रदेश में पहुंचे लोग तमाम दुश्वारियों का सामना कर रहे हैं। काफी लोग परिस्थितियों की मार के चलते बीमार हो गए हैं। उनके उपचार की कोई सुनियोजित व्यवस्था नहीं है। उनकी जांच भी नहीं हो रही है।
 सरकार ने रोजी-रोटी की विषम समस्या से जूझ रहे श्रमिकों को मनरेगा में काम देने का एलान तो है लेकिन उन्हें काम नहीं मिल रहा है। वीवीआईपी जिले गोरखपुर समेत विभिन्न जिलों में लाॅकडाउन की वजह से उद्योगों पर ताले लगे हैं। रोज कमाकर गुजारा करने वाले दिहाड़ी मजदूरों के परिवारों का जीना मुहाल है। अभी तक उनको मदद नहीं मिल पाई है। राशन कम या खराब मिलने की आम शिकायते हैं। उन्होने कहा कि किसानों को तो भाजपा सरकार में सिवाय उपेक्षा और अपमान के और कुछ मिलने वाला नहीं है। गेहूं के क्रय केन्द्र कागजों में खुले हैं। किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिला और न ही मिलने की उम्मीद है। अब मजबूरी में औने पौने दाम पर फसल बेचने को वह मजबूर है। गन्ना किसानों का लम्बित बकाया अभी तक नहीं मिल पाया है।
 यादव ने कहा कि देश में सिर्फ कोरोना वायरस के ही संक्रमण का खतरा नहीं है। तमाम लोगों को दिल, किडनी, कैंसर, लीवर जैसी गम्भीर बीमारियां है। ब्लडप्रेशर और डायबिटीज के मरीज भी इन दिनों परेशान है। अस्पतालों में ओपीडी बंद है, आपरेशन स्थगित हैं। केवल सर्दी, जुकाम-खांसी और तेज ज्वर के मरीज ही देखे जा रहे हैं। लोगों को समय से दवा, ईलाज नहीं मिल पा रहा है। उन्होने कहा कि गौशालाओं में गायों के लिए चारा नहीं है, वे भूख से तड़पकर मर रही है। वे अभी भी कचरे में मिले प्लास्टिक के थैले खा रही हैं। गरीबों-मजबूरों को राहत के नाम पर राशन दिए जाने का खूब प्रचार हुआ है लेकिन राशन दूकानदार मनमानी कर रहे हैं। घटतौली या दूकान बंद रहने की आये दिन शिकायते रहती हैं।


प्रिय साथियों, कोरोना रोकथाम के मद्देनजर किये गये लाॅकडाउन से गरीबों, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों, अनेक अनियमित जीविकोपार्जन के तरीकों को अपनाने वाले लोग बेहद संकट में हैं। निम्न और उच्च मध्यवर्ग को भी मुश्किलें आने वाली हैं। पीढ़ियों से जमे कारोबार और रोजगार खत्म हो गये हैं। सरकारी राहत ऊंट के मुहं में जीरा साबित हो रही है। लाॅकडाउन करने से पहले कम से कम दो तिहाई जनता के लिए सरकारों ने सामाजिक सुरक्षा के इंतजाम नहीं किये और कोरोना की जांच, उपचार के लिए जरूरी व्यवस्थाएं नहीं की गई। लाॅकडाउन करने के बाद ही इन कामों में तेजी आई है। अब गरीब से लेकर अमीर तक सब परेशान हैं। समकालीन भारत में वास्तव में क्या हो रहा है यह जानना और समझना और उसके हिसाब से अपने आपको / समाज को बचाने के लिए जरूरी है कि आप सही सूचनाएं ग्रहण करें। हमारा ऐसा ही प्रयास है। कृपया हमारी वेबसाइट देखें, अपनी राय, समाचार, रचनाएं भेजिए ईमेल peoplesfriend9@gmail.com  पर। मो. 9897791822 पर अपने नाम पते सहित अपना संदेश एसएमएस कर सकते हैं। रिपोर्टर बनकर अपनी आमदनी बढ़ाएं हमें भी सहयोग दें। हिंदी समाचार-विचार वेबसाइट्स- https://uttaranchaljandrishtikon.page और https://peoplesfriend.page


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