चीन तो पहले ही भारत में उद्योग-कारोबार में छाया हुआ है


नई दिल्ली। चीन में बने माल से भारतीय बाजार पटा हुआ है। अमेरिका चीन के बढ़ते आर्थिक प्रभाव से परेशान रहा है। हमारे यहां चीन विरोध की एक राजनीति चलती है लेकिन इसके बावजूद सरकारें चीन की कंपनियों को आमंत्रित करती हैं, चीन की कंपनियों को सरदार पटेल की मूर्ति और रेलवे कोच बनाने के ठेके देती है। कोरोना की जांच किट और कई अन्य सामान हाल में चीन से बड़ी मात्रा में मंगाए गये जो खराब पाए जा रहे हैं। चीन की कंपनी अलीबाबा की भारतीय सब्सिडियरी पेटीएम का तो खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करते हैं। चीन भारत में अपना और प्रभाव बढ़ा रहा है। हाल के महीनों में चीन के वेंचर फंड्स ने भारतीय कंपनियों में काफी दिलचस्पी दिखाई है। फोसुन, दीदी, टेनसेंट और शाओमी सरीखी जानी-पहचानी कंपनियों और फंड्स के अलावा शुनवेई, होराइजंस और साइनोवेशन जैसी चीनी कंपनियां भी भारत में खरीदारी के मौके तलाश रही हैं।
 सेंट्रम इंफ्रास्ट्रक्चर के एमडी संदीप उपाध्याय ने कहा कि चीन के वेंचर फंड्स की भारत की हाई-ग्रोथ कंपनियों में दिलचस्पी बढ़ी है। उपाध्याय ने कहा, श्महामारी का सबसे खराब दौर चीन में खत्म हो चुका है, वहीं भारत की कई लिस्टेड और अनलिस्टेड कंपनियों का वैल्यूएशन आकर्षक दिख रहा है। पेमेंट्स (पेटीएम), मोबिलिटी (ओला), ईकॉमर्स सेक्टर , रिन्यूएबल एनर्जी, फार्मास्युटिकल्स, मैन्युफैक्चरिंग से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर और कंस्ट्रक्शन जैसे सेक्टरों में चीन के निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी है।   बिगबास्केट में अलीबाबा का करीब 25 करोड़ डॉलर का निवेश है। बायजूज में चीन की टेंसेंट होल्डिंग्स ने करीब 5 करोड़ डॉलर का निवेश किया है। डेल्हिवरी में फोसुन ने करीब 2.5 करोड़ डॉलर लगाए हैं। ड्रीम 11 में स्टेडव्यू कैपिटल और टेंसेंट का 15 करोड़ डॉलर का निवेश है। हाइक में टेंसेंट और फॉक्सकॉन का 15 करोड़ डॉलर का निवेश है, वहीं ।छप् टेक्नॉलजीज (ओला ) में चीन की कंपनियों का 50 करोड़ डॉलर का निवेश है। पेटीएम मॉल में अलीबाबा ग्रुप ने 15 करोड़ डॉलर लगाए हैं, जबकि पेटीएम में 40 करोड़ डॉलर। ओयो में चीन की कंपनियों के 10 अरब डॉलर का निवेश है। जोमैटो में अलीबाबा और शुनवेई के करीब 20 करोड़ डॉलर का निवेश है। ये सभी यूनिकॉर्न हैं, इनके अलावा भी कई यूनिकॉर्न्स हैं, जिनमें चीन की कंपनियों का बड़ा निवेश है। (यूनिकॉर्न उस स्टार्टअप को कहा जाता है जिसका वैल्यूएशन 1 अरब डॉलर से अधिक का है।)
 एक हफ्ते तक के मंथन के बाद सरकार ने बीते सप्ताह भारत की सीमा से सटे देशों से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए। इस तरह के प्रतिबंध पहले से बांग्लादेश और पाकिस्तान के मामले में थे। लिहाजा नया कदम चीन से भारत में आने वाले और भारतीय कंपनियों को चीन की नजर से बचाए रखने के लिए उठाया गया है। लेकिन रोक आसान नहीं होगा क्योंकि भारत विश्व व्यापार संगठन के तहत आता है और उसमें वैश्विक स्तर पर मुक्त व्यापार का प्रावधान है। 11 अप्रैल 2020 को एचडीएफसी लिमिटेड ने एक रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया था कि चीन के सेंट्रल बैंक यानी पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने उसमें अपना स्टेक बढ़ाकर 1.01 प्रतिशत कर लिया है। पहले यह स्टेक 0.8 प्रतिशत था। इसके बाद सेबी ने पहले तो भारतीय कंपनियों में उन इकाइयों की शेयरहोल्डिंग की डिटेल्स मांगीं जिनके अल्टिमेट बेनेफिशरी चीन या हांगकांग में हैं और इसके बाद इस सवाल के दायरे में पाकिस्तान, नॉर्थ कोरिया, ताइवान और ईरान की इकाइयों को भी ला दिया। सेंट्रम इंफ्रास्ट्रक्चर के एमडी संदीप उपाध्याय ने कहा कि चीन के वेंचर फंड्स की भारत की हाई-ग्रोथ कंपनियों में दिलचस्पी बढ़ी है। उपाध्याय ने कहा, महामारी का सबसे खराब दौर चीन में खत्म हो चुका है, भारत की कई लिस्टेड और अनलिस्टेड कंपनियों का वैल्यूएशन आकर्षक दिख रहा है। पेमेंट्स (पेटीएम), मोबिलिटी (ओला), ईकॉमर्स सेक्टर , रिन्यूएबल एनर्जी, फार्मास्युटिकल्स, मैन्युफैक्चरिंग से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर और कंस्ट्रक्शन जैसे सेक्टरों में चीन के निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी है।
 बिगबास्केट में अलीबाबा का करीब 25 करोड़ डॉलर का निवेश है। बायजूज में चीन की टेंसेंट होल्डिंग्स ने करीब 5 करोड़ डॉलर का निवेश किया है। डेल्हिवरी में फोसुन ने करीब 2.5 करोड़ डॉलर लगाए हैं। ड्रीम 11 में स्टेडव्यू कैपिटल और टेंसेंट का 15 करोड़ डॉलर का निवेश है। हाइक में टेंसेंट और फॉक्सकॉन का 15 करोड़ डॉलर का निवेश है, एएनआइ टेक्नॉलजीज (ओला ) में चीन की कंपनियों का 50 करोड़ डॉलर का निवेश है। पेटीएम मॉल में अलीबाबा ग्रुप ने 15 करोड़ डॉलर लगाए हैं, जबकि पेटीएम में 40 करोड़ डॉलर। ओयो में चीन की कंपनियों के 10 अरब डॉलर का निवेश है। जोमैटो में अलीबाबा और शुनवेई के करीब 20 करोड़ डॉलर का निवेश है। ये सभी यूनिकॉर्न हैं, इनके अलावा भी कई यूनिकॉर्न्स हैं, जिनमें चीन की कंपनियों का बड़ा निवेश है। (यूनिकॉर्न उस स्टार्टअप को कहा जाता है जिसका वैल्यूएशन 1 अरब डॉलर से अधिक का है।)
 चीन के बैंक भारत की बड़ी कंपनियों को कर्ज देने को भी तैयार हैं। इंडस्ट्रियल ऐंड कमर्शल बैंक ऑफ चाइना का ऑफिस मुंबई में है। बैंकिंग जगत के सूत्रों के अनुसार, इस बैंक ने हाल में अपनी टीम का आकार बढ़ाया है। इसने रिलायंस कम्युनिकेशंस से लोन रिकवरी के लिए 2019 के आखिरी दिनों में अनिल अंबानी के खिलाफ लंदन की एक अदालत में मुकदमा भी किया था।
निपॉन लाइफ इंडिया के सीईओ संदीप सिक्का ने कहा कि भारत का इक्विटी और डेट मार्केट काफी रेगुलेटेड है और किसी भी एफपीआई के लिए चुपके से किसी भारतीय कंपनी में बड़ा स्टेक लेना असंभव है। ग्रोथ के शुरुआती दौर में चल रहीं कुछ स्टार्टअप्स की भी चीन के इनवेस्टर्स से फंड हासिल करने के लिए बातचीत चल रही थी और इनके लिए भी इसमें रुकावट आ सकती है। एक यूनिकॉर्न के फाउंडर ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया, ‘हमारी जैसी कंपनियां मुश्किल स्थिति में हैं जिनमें चाइनीज इनवेस्टर्स की पहले ही 33 पर्सेंट हिस्सेदारी है। इस माहौल में हमें इनवेस्टमेंट नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार की इस घोषणा से भविष्य में फंडिंग हासिल करने में देरी हो सकती है।


प्रिय साथियों, कोरोना रोकथाम के मद्देनजर किये गये लाॅकडाउन से गरीबों, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों, अनेक अनियमित जीविकोपार्जन के तरीकों को अपनाने वाले लोग बेहद संकट में हैं। निम्न और उच्च मध्यवर्ग को भी मुश्किलें आने वाली हैं। पीढ़ियों से जमे कारोबार और रोजगार खत्म हो गये हैं। सरकारी राहत ऊंट के मुहं में जीरा साबित हो रही है। लाॅकडाउन करने से पहले कम से कम दो तिहाई जनता के लिए सरकारों ने सामाजिक सुरक्षा के इंतजाम नहीं किये और कोरोना की जांच, उपचार के लिए जरूरी व्यवस्थाएं नहीं की गई। लाॅकडाउन करने के बाद ही इन कामों में तेजी आई है। अब गरीब से लेकर अमीर तक सब परेशान हैं। समकालीन भारत में वास्तव में क्या हो रहा है यह जानना और समझना और उसके हिसाब से अपने आपको / समाज को बचाने के लिए जरूरी है कि आप सही सूचनाएं ग्रहण करें। हमारा ऐसा ही प्रयास है। कृपया हमारी वेबसाइट देखें, अपनी राय, समाचार, रचनाएं भेजिए ईमेल peoplesfriend9@gmail.com  पर। मो. 9897791822 पर अपने नाम पते सहित अपना संदेश एसएमएस कर सकते हैं। रिपोर्टर बनकर अपनी आमदनी बढ़ाएं हमें भी सहयोग दें। हिंदी समाचार-विचार वेबसाइट्स- https://uttaranchaljandrishtikon.page और https://peoplesfriend.page


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