लंदन। ब्रिटेन के मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रोफेसर क्रिस विट्टी ने कोरोनावायरस के खतरे को बढ़ाने वाली तीन वजह गिनाई हैं। प्रोफेसर क्रिस के मुताबिक, किस उम्र वर्ग को कोरोनावायरस का खतरा अधिक है, अभी भी पुख्तातौर पर इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता। लेकिन तीन बातों का ध्यान रखकर काफी हद तक बचाव किया जा सकता है। प्रोफेसर क्रिस के मुताबिक, ब्रिटेन में मरने वाले 90 फीसदी लोगों में एक बात कॉमन थी। ये किसी न किसी रोग से जूझ रहे थे, इनमें हृदय रोगी भी शामिल थे। ब्रिटेन नेशनल स्टेस्टिक्स के आंकड़ों के मुताबिक, मार्च में कोरोनावायरस के जो भी मामले सामने आए उनमें 91 फीसदी वो लोग शामिल थे जो पहले से बीमार थे। इनमें डिमेंशिया, अल्जाइमर, क्रॉनिक लोअर रेस्पिरेट्री डिसीज, इंफ्लूएंजा, निमोनिया के रोगी थे। प्रोफेसर क्रिस के मुताबिक, संक्रमण के मामलों में उम्र बेहद बड़ा फैक्टर है यानी कोरोना से बचने के लिए उम्रदराज लोगों को अधिक सावधान रहने की जरूरत है। आंकड़ों के मुताबिक, पुरुषों में 55 साल और महिलाओं में 65 साल की उम्र से कोरोना का खतरा बढ़ जाता है। ब्रिटेन में कोरोना से हुईं मौतों में भी इस उम्र वर्ग के ही लोग सर्वाधिक थे। 20 फीसदी मौतों में 80 से 84 साल के लोग शामिल थे।
प्रोफेसर क्रिस ने कहा, भले ही वजह पूरी तरह से स्पष्ट न हो लेकिन एक बात साफ है, कोरोना संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले पुरुषों में सामने आए हैं। ब्रिटेन में 3 अप्रैल तक जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, कोविड-19 से 4,122 मौत हुईं। इनमें 2,523 पुरुष और 1,599 महिला थीं। हर उम्र वर्ग में जेंडर अहम रोल अदा करता है।
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