कोरोना वारियर्स के लिए गुलजार का प्यार... हम बहुत मशकूर हैं आपके, बहुत-बहुत शुक्रिया... हम आपके साथ हैं और जो कर पायेंगे वो करेंगे जरूर...


मुंबई। लॉकडाउन के बीच के विषम समय में डॉक्टर्स, नर्सेस, स्वास्थ्य और चिकित्सा तथा इनसे जुड़े लोग सफाई कर्मचारियों सहित तमाम कोरोना वॉरियर्स अपनी जान हथेली पर लेकर लाखों-करोड़ों लोगों की सेवा में जुटे हुए हैं। उनके इस सेवाभाव को देश-दुनिया नमन कर रही है। कोरोना वारियर्स को सलाम करते हुए प्रसिद्ध लेखक, गीतकार और फिल्मकार गुलजार ने लिखा है कि मुझे लगता है कि इस वक्त हमारे डॉक्टर्स और नर्सेस वो काम कर रहे हैं जो हमारे सिपाही, जंग के वक्त अपने देश के लिए करते हैं... हमने देखा है कि किस तरह गोलियों की बौछार में वो अपनी जान खतरे में डाल कर भी देश की हिफाजत करते हैं। आप भी वही कर रहें हैं, अपनी जान की परवाह ना करते हुए भी, महामारी की इस खतरनाक, इस मोहलिक और इस जानलेवा बौछार में अपने देशवासियों की हिफाजत कर रहे हैं। आपकी कुरबानी, और ये हौसला और भी बड़ा है, क्योंकि आपके पास तो वो बुलैटप्रूफ जैकेट भी नहीं हैं, ना हाथ में बंदूकें हैं, ना हाथ में इंजेक्शन हैं के वे दुश्मन की इस महामारी पर वार कर सकें।
 गुलजार ने लिखा कि हमारे डॉक्टर्स खुद इस महामारी के शिकार होते जा रहे हैं, लेकिन अपनी जंग, अपना युद्ध लड़े चले जा रहे हैं। हमारे पास कुछ भी नहीं है के हम उनको दे सकें, मुहैय्या करा सकें- ना कोई टैंक है, ना असला है जो हम पहुंचा सकें इस लड़ाई को लड़ने के लिए.. कोई दवा भी अगर है तो वो भी, वो ही पैदा करेंगे, वो ही लड़ेंगे, वो ही अपनी जान पे खतरा भी लेंगे, अपनी जान भी देंगे और देशवासियों की हिफाजत करेंगे...  इस बहादुरी के लिए हम उनके मशकूर हैं, हम सिर्फ दुआएं दे सकते हैं उनकी जिंदगी के लिए, मुबारकबाद भी देते हैं लेकिन उनका शुक्रिया भी अदा करते हैं और वाकई दिल से हम आप सबका शुक्रिया अदा करते हैं... आप हमारे लिए, हमारी जानें बचाने के लिए अपनी जान को एक शील्ड की तरह, एक ढाल की तरह इस महामारी में सामने रखे हुए हैं। गुलजार ने लिखा कि हम अपने बच्चों को डॉक्टर बनाने के लिये बड़े मुश्ताक होते हैं क्योंकि उसमें एक रुतबा है, एक अजमत है... हम बहुत मशकूर हैं आपके, बहुत-बहुत शुक्रिया... हम आपके साथ हैं और जो कर पायेंगे वो करेंगे जरूर...


प्रिय साथियों, कोरोना रोकथाम के मद्देनजर किये गये लाॅकडाउन से गरीबों, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों, अनेक अनियमित जीविकोपार्जन के तरीकों को अपनाने वाले लोग बेहद संकट में हैं। निम्न और उच्च मध्यवर्ग को भी मुश्किलें आने वाली हैं। पीढ़ियों से जमे कारोबार और रोजगार खत्म हो गये हैं। सरकारी राहत ऊंट के मुहं में जीरा साबित हो रही है। लाॅकडाउन करने से पहले कम से कम दो तिहाई जनता के लिए सरकारों ने सामाजिक सुरक्षा के इंतजाम नहीं किये और कोरोना की जांच, उपचार के लिए जरूरी व्यवस्थाएं नहीं की गई। लाॅकडाउन करने के बाद ही इन कामों में तेजी आई है। अब गरीब से लेकर अमीर तक सब परेशान हैं। समकालीन भारत में वास्तव में क्या हो रहा है यह जानना और समझना और उसके हिसाब से अपने आपको / समाज को बचाने के लिए जरूरी है कि आप सही सूचनाएं ग्रहण करें। हमारा ऐसा ही प्रयास है। कृपया हमारी वेबसाइट देखें, अपनी राय, समाचार, रचनाएं भेजिए ईमेल peoplesfriend9@gmail.com  पर। मो. 9897791822 पर अपने नाम पते सहित अपना संदेश एसएमएस कर सकते हैं। रिपोर्टर बनकर अपनी आमदनी बढ़ाएं हमें भी सहयोग दें। हिंदी समाचार-विचार वेबसाइट्स- https://uttaranchaljandrishtikon.page और https://peoplesfriend.page


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