पंचायती राज व्यवस्था आज लोगों को सामाजिक सुरक्षा देती, लेकिन उसका नाश हो गया, अधिकारवाद जनता के लिए हानिकारक बना


नयी दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने देश के समग्र विकास के लिए जिस पंचायती राज व्यवस्था की शुरुआत की, वह जबरदस्त असरदार साबित हुई लेकिन दुर्भाग्य से आज हम उस व्यवस्था से भटक गये हैं। गांधी ने रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के साथ चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि राजीव गांधी जी जिस पंचायती राज को लेकर आए थे उसका समाज पर जबरदस्त असर हुआ लेकिन अफसोस के साथ कहना पड़ेगा कि यह अब कम हो रहा है। पंचायती राज के मोर्चे पर जितना आगे बढ़ने का काम हुआ था, हम उससे पीछे लौट रहे हैं और जिलाधिकारी आधारित व्यवस्था में जा रहे हैं।
 उन्होंने कहा कि देश के उत्तरी राज्यों की तुलना में पंचायती राज व्यवस्था पर दक्षिण के राज्यों में ज्यादा बेहतर काम हुआ है। उन्होंने कहा अगर आप दक्षिण भारतीय राज्य देखें, तो वहां इस मोर्चे पर अच्छा काम हो रहा है, व्यवस्थाओं का विकेंद्रीकरण हो रहा है लेकिन उत्तर भारतीय राज्यों में सत्ता का केंद्रीकरण हो रहा है। पंचायतों तथा जमीन से जुड़े संगठनों की शक्तियां कम हो रही हैं। गांधी ने कहा कि इस दौर में अधिकारवाद का एक नया मॉडल सामने आया है जो सत्तावादी मॉडल है और यह उदार मॉडल पर सवाल उठा रहा है। उन्होंने कहा कि यह एक अलग तरीका निकाला गया है जो बहुत तेजी से फलता-फूलता नजर आ रहा है। राजन ने भी इस व्यवस्था पर चिंता जताई और कहा अधिकारवादी व्यक्तित्व अपने आप में एक ऐसी धारणा बना लेता है कि मैं ही जनशक्ति हूं इसलिए मैं जो कुछ भी कहूंगा, वह सही होगा। सब कुछ मेरे सामने से होते हुए गुजरना चाहिए। इतिहास उठाकर देखें तो पता चलेगा कि जब-जब इस हद तक केंद्रीकरण हुआ है, व्यवस्थाएं धराशायी हो गई हैं।
 मालूम हो कि अगर पंचायती राज व्यवस्था मजबूत होती तो आज भूखे और परेशान लोगों को आसानी से मदद मिल जाती। आज करोड़ों लोग राशन और तमाम दैनिक जरूरतों के लिए परेशान हैं। तमाम सरकारी और निजी प्रयास सभी वंचितों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2014 में बनी सरकार की नीतियां मोदी केंद्रित ही रही हैं। कहने को मोदी 130 भारतीयों की बात करते हैं लेकिन अपने मन की करते हैं। उनकी सभी नीतियां आम जनता को परेशान करने वाली रही हैं। पहले की जनकल्याणकारी व्यवस्थाओं को उन्होंने कमजोर ही किया है। लेकिन उन्हें यह अहंकार है कि वे देशहित में काम कर रहे हैं जबकि वास्तव में उनके काम-काज से लगातार जनता का, देश का अहित हो रहा है।


समस्त सम्मानित भारतीय नागरिकगण, सादर अभिनंदन ! आज के विषम दौर में सरकारी और प्राइवेट सैक्टर की मनमानियां, लापरवाहियां, जनविरोधी नीतियों का सच सामने आ रहा है। हम जिन ईश्वर, देवी-देवताओं, पीर-पैगंबरों आदि तथाकथित अदृश्य शक्तियों को कल्याणकारी और दुखहर्ता मानते रहे वे सब झूठ साबित हो रहे हैं। विज्ञान, मानवता, इंसानी विवेक और उसकी जद्दोजहद ही इनसान के काम आ रही है। समकालीन भारत - दुनिया में वास्तव में क्या हो रहा है यह जानना और समझना और उसके हिसाब से अपने आपको / समाज को बचाने के लिए जरूरी है कि आप सही सूचनाएं ग्रहण करें। हमारा ऐसा ही प्रयास है। कृपया हमारी वेबसाइट देखें, अपनी राय, समाचार, रचनाएं भेजिए ईमेल peoplesfriend9@gmail.com  पर। मो. 9897791822 पर अपने नाम पते सहित अपना संदेश एसएमएस कर सकते हैं। रिपोर्टर बनकर अपनी आमदनी बढ़ाएं हमें भी सहयोग दें। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय हिंदी समाचार-विचार वेबसाइट्स- https://uttaranchaljandrishtikon.page और https://peoplesfriend.page


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