नई दिल्ली। आल इंडिया स्मॉल एंड मीडियम न्यूजपेपर्स फेडरेशन ने हरियाणा और पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा पत्रकारों को 10 लाख रुपये का जीवन बीमा दिए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की है तथा इन प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों मनोहर लाल खट्टर और ममता बनर्जी को पत्र लिखकर उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया है। फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरिन्दर सिंह ने कहा है कि लंबे समय से पत्रकारों को जीवन बीमा दिए जाने की आवश्यकता महसूस हो रही थी। इसके लिए फेडरेशन द्वारा सभी प्रदेशों की सरकारों को पत्र लिखकर शीघ्र जीवन बीमा और आवश्यक सुरक्षा दिए जाने की मांग की गई थी। देश में फैल रहे कोरोना वायरस के संक्रमण काल में पत्रकार अपने जीवन व परिवार के भविष्य को दांव पर लगाकर पत्रकारिता का कार्य कर रहे हैं। ऐसे में उनके जीवन एवं भविष्य की चिंता किया जाना बेहद जरूरी है। हरियाणा और पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा पत्रकारों को 10 लाख रुपये का जीवन बीमा दिए सरकार का प्रशंसनीय कदम है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अन्य राज्य सरकारें भी अपने राज्य में कार्य कर रहे पत्रकारों को जीवन बीमा तथा अन्य सुरक्षा उपलब्ध कराएगी।
गौरतलब है कि फेडरेशन लघु एवं मझोले समाचार पत्रों के प्रकाशकों-स्वामियों की अग्रणी संस्था है जिसमें हजारों प्रकाशकों के साथ-साथ इनमें कार्यरत पत्रकार भी संगठन से जुडे हुए हैं। संस्था पिछले कई दशक से पत्रकारों व प्रकाशकों के हितों के कार्य कर रही है। सिंह ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण देश भर में लागू किये गये लॉकडाउन के दौरान समाचार पत्र भी विषम स्थिति में गुजर रहे हैं। लघु एवं मझोले समाचार पत्रों के प्रकाशकों-स्वामियों के समक्ष और ज्यादा गम्भीर स्थिति है। लॉकडाउन के समाचार पत्रों की प्रसार संख्या घट रही है तथा निजी क्षेत्रों से मिलने वाले विज्ञापन समाप्त हो गये हैं। इस दौरान समाचार पत्रों के वितरण व सेनिटाइजेशन आदि में भी खर्च बढा है। समाचार पत्रों के स्वामियों को लगातार समाचार पत्र भी छापना है और संस्थान में कार्यरत पत्रकार और गैर-पत्रकार कर्मचारियों को भी समय से वेतन देना है। ऐसे में सरकार द्वारा लघु एवं मझोले समाचार पत्रों के लिए एक आर्थिक पैकेज दिये जाने की जरूरत है।
फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने विभिन्न प्रदेशों में कार्यरत सर्व श्री बी. एम. शर्मा, अशोक कुमार नवरत्न, दीपक सिंह, मनोरंजन मोहंती, एल. सी. भारतीय, विजय सूद, दिनेश शक्ति त्रिखा, सुधीर पांडा, महेश अग्रवाल, मलय बनर्जी, एच.यू. खान, पवन सहयोगी व संजय कुमार शर्मा आदि की प्रशंसा की कि वह अपने प्रदेशों में मीडियाकर्मिर्यों व प्रकाशकों की समस्याओं को बेहतर तरीके से उठा रहे हैं और उनके निवारण के लिए सतत् प्रयासरत हैं।
प्रिय साथियों, कोरोना रोकथाम के मद्देनजर किये गये लाॅकडाउन से गरीबों, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों, अनेक अनियमित जीविकोपार्जन के तरीकों को अपनाने वाले लोग बेहद संकट में हैं। निम्न और उच्च मध्यवर्ग को भी मुश्किलें आने वाली हैं। पीढ़ियों से जमे कारोबार और रोजगार खत्म हो गये हैं। सरकारी राहत ऊंट के मुहं में जीरा साबित हो रही है। लाॅकडाउन करने से पहले कम से कम दो तिहाई जनता के लिए सरकारों ने सामाजिक सुरक्षा के इंतजाम नहीं किये और कोरोना की जांच, उपचार के लिए जरूरी व्यवस्थाएं नहीं की गई। लाॅकडाउन करने के बाद ही इन कामों में तेजी आई है। अब गरीब से लेकर अमीर तक सब परेशान हैं। समकालीन भारत में वास्तव में क्या हो रहा है यह जानना और समझना और उसके हिसाब से अपने आपको / समाज को बचाने के लिए जरूरी है कि आप सही सूचनाएं ग्रहण करें। हमारा ऐसा ही प्रयास है। कृपया हमारी वेबसाइट देखें, अपनी राय, समाचार, रचनाएं भेजिए ईमेल peoplesfriend9@gmail.com पर। मो. 9897791822 पर अपने नाम पते सहित अपना संदेश एसएमएस कर सकते हैं। रिपोर्टर बनकर अपनी आमदनी बढ़ाएं हमें भी सहयोग दें। हिंदी समाचार-विचार वेबसाइट्स- https://uttaranchaljandrishtikon.page और https://peoplesfriend.page