राजीव गांधी द्वारा लागू पंचायती राज व्यवस्था की कोरोना प्रसार रोकने और लोगों को राहत देने में महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती थी, लेकिन सरकारों ने अनदेखी कर जनता को मुश्किल में डाला


रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना (कोविड 19) के संक्रमण की रोकथाम एवं ग्रामीणों के बीच जागरूकता फैलाने में पंचायती राज व्यवस्था की अहम भूमिका होगी। सोरेन ने पंचायती राज दिवस के अवसर पर सभी पंचायत प्रतिनिधियों को शुभकामना देते हुए कहा कि संकट की इस घड़ी में पंचायती राज व्यवस्था की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि देश एवं राज्य के विकास में भी पंचायती राज संस्थाएं अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया है।
 मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम एवं ग्रामीणों के बीच जागरूकता के संचार में सभी पंचायत प्रतिनिधि अहम भूमिका निभा रहें हैं। उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों के सहयोग से निश्चित तौर पर ग्रामीण इलाकों में कोरोना से जंग में जीत मिलेगी। सोरेन ने ट्वीट कर कहा, संकट की इस घड़ी में राहत एवं बचाव के कार्य का सही संचालन, धार्मिक सौहार्द बनाये रखने, अफवाहों से बचाने में पंचायती राज व्यवस्था की अहम भूमिका है। पंचायती राज दिवस के अवसर पर मैं सभी प्रतिनिधियों को शुभकामना देने के साथ-साथ मजबूती से इस संकट से लड़ने में सहयोग की अपील करता हूँ।
 मालूम हो कि 31 अक्टूबर 1984 की सुबह करीब सवा 9 बजे तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की खालिस्तानी प्रभाव वाले उनके अंगरक्षकों सतवंत सिंह, बेअंत सिंह इत्यादि ने 28 गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। जिसके बाद राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने श्रीमती गांधी के पुत्र राजीव गांधी को प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई थी। अगले साल हुए चुनाव में कांग्रेस ने पूर्ण बहुमत से चुनाव जीतकर राजीव गांधी के नेतृत्व में सरकार बनाई। राजीव गांधी ने अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत की। इसमें एक महत्वपूर्ण त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था थी। जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों के विकास और कल्याण के लिए ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायतों को अधिकार दिए गये।
 आज जबकि कोरोना का प्रसार रोकने के लिए अचानक लाॅकडाउन किया गया, अगर पंचायती राज व्यवस्था मजबूत होती, शहरों और ग्रामीण इलाकों में लोगों को जागरूक करने और उन्हें जांच, उपचार तथा रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीजों के लिए पर्याप्त इंतजाम लाॅकडाउन लागू करने से पहले कर लिए गये होते तो जनता को ज्यादा परेशान नहीं होना पड़ता और देश का लाखों करोड़ का आर्थिक नुकसान होने से भी बचता।


प्रिय साथियों, कोरोना रोकथाम के मद्देनजर किये गये लाॅकडाउन से गरीबों, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों, अनेक अनियमित जीविकोपार्जन के तरीकों को अपनाने वाले लोग बेहद संकट में हैं। निम्न और उच्च मध्यवर्ग को भी मुश्किलें आने वाली हैं। पीढ़ियों से जमे कारोबार और रोजगार खत्म हो गये हैं। सरकारी राहत ऊंट के मुहं में जीरा साबित हो रही है। लाॅकडाउन करने से पहले कम से कम दो तिहाई जनता के लिए सरकारों ने सामाजिक सुरक्षा के इंतजाम नहीं किये और कोरोना की जांच, उपचार के लिए जरूरी व्यवस्थाएं नहीं की गई। लाॅकडाउन करने के बाद ही इन कामों में तेजी आई है। अब गरीब से लेकर अमीर तक सब परेशान हैं। समकालीन भारत में वास्तव में क्या हो रहा है यह जानना और समझना और उसके हिसाब से अपने आपको / समाज को बचाने के लिए जरूरी है कि आप सही सूचनाएं ग्रहण करें। हमारा ऐसा ही प्रयास है। कृपया हमारी वेबसाइट देखें, अपनी राय, समाचार, रचनाएं भेजिए ईमेल peoplesfriend9@gmail.com  पर। मो. 9897791822 पर अपने नाम पते सहित अपना संदेश एसएमएस कर सकते हैं। रिपोर्टर बनकर अपनी आमदनी बढ़ाएं हमें भी सहयोग दें। हिंदी समाचार-विचार वेबसाइट्स- https://uttaranchaljandrishtikon.page और https://peoplesfriend.page


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