मुंबई। अभिनेत्री सोहा अली खान का कहना है कि लॉकडाउन ने उन्हें उनके परिवार के करीब ला दिया है। अभिनेत्री का कहना है कि वह पति व अभिनेता कुणाल खेमू और बेटी इनाया के साथ दिलचस्प गतिविधियां करने की कोशिश करती रहती हैं।
सोहा का कहना है कि किताबें पढ़ना मुझे हमेशा से पसंद रहा है और हमारे व्यस्त दिनचर्या में हर दिन बैठना और उसके लिए समय निकालना मुश्किल हो जाता है। किताबें पढ़ना उन चीजों में से एक है, जिसे मैंने अपने दैनिक कार्यों में शामिल किया है, मैं इसके लिए कम से कम एक घंटा वक्त देती हूं। लॉकडाउन ने हमें पहले से ज्यादा करीब ला दिया है। कुणाल और मैं यह सुनिश्चित करते हैं कि हम खुद को किसी न किसी दिलचस्प गतिविधि से जोड़े रखें। हम पजल्स, ड्राइंग या संख्याओं को सीखने जैसी विभिन्न गतिविधियों में इनाया को शामिल करने की कोशिश करते हैं।
सोहा ने आगे कहा कि मुझे ऐसे नाश्ते बहुत पसंद हैं, जो पेट भरने वाले और स्वास्थ्यवर्धक होते हैं और ऐसा ही मेरा परिवार भी करता है, इसलिए मैं अपना खाना जब भी पकाती हूं, तो उसमें पोषक तत्वों का पूरा ध्यान रखती हूं। मेरे कुछ पसंदीदा व्यंजनों में शीरा जिसमें मेवे, बादाम सोया दूध, मसालेदार भुना हुआ बादाम शामिल हैं। लॉकडाउन की वजह से जिम बंद हो गए हैं, लेकिन हम तो वर्कआउट कर ही सकते हैं, इसलिए मैं कम से कम एक घंटे के लिए वर्कआउट जरूर करती हूं। कुणाल और मैं एक दूसरे को घर पर वर्कआउट करने के लिए प्रेरित करते हैं। कभी-कभी हम इनाया को भी जुम्बा और योग में शामिल करते हैं।
मैं अपनी त्वचा से अशुद्धियों को साफ करने के लिए सप्ताह में एक बार फेसमास्क का प्रयोग जरूर करती हूं। अपने आहार में विटामिन ई को शामिल करना सुनिश्चित करें, क्योंकि यह एंटी-एजिंग गुणों से भरा होता है और त्वचा के स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाता है। एक महीने से ऊपर का वक्त हो गया है जब जीवन की रफ्तार थम सी गयी है और लोग जीवन में अच्छे-बुरे अनुभवों का सामना कर रहे हैं. परिवार, दोस्तों और सहयोगियों के साथ रिश्तों में फिर से सामंजस्य बिठाया जा रहा है और अब रोज जब उनकी आंखे खुलती हैं तो भारतीय समाज की जड़ों में व्याप्त समानता और असमानताओं से सामना होता है तथा अपने और दूसरों का फर्क करीब से महसूस होता है.
प्रिय साथियों, कोरोना रोकथाम के मद्देनजर किये गये लाॅकडाउन से गरीबों, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों, अनेक अनियमित जीविकोपार्जन के तरीकों को अपनाने वाले लोग बेहद संकट में हैं। निम्न और उच्च मध्यवर्ग को भी मुश्किलें आने वाली हैं। पीढ़ियों से जमे कारोबार और रोजगार खत्म हो गये हैं। सरकारी राहत ऊंट के मुहं में जीरा साबित हो रही है। लाॅकडाउन करने से पहले कम से कम दो तिहाई जनता के लिए सरकारों ने सामाजिक सुरक्षा के इंतजाम नहीं किये और कोरोना की जांच, उपचार के लिए जरूरी व्यवस्थाएं नहीं की गई। लाॅकडाउन करने के बाद ही इन कामों में तेजी आई है। अब गरीब से लेकर अमीर तक सब परेशान हैं। समकालीन भारत में वास्तव में क्या हो रहा है यह जानना और समझना और उसके हिसाब से अपने आपको / समाज को बचाने के लिए जरूरी है कि आप सही सूचनाएं ग्रहण करें। हमारा ऐसा ही प्रयास है। कृपया हमारी वेबसाइट देखें, अपनी राय, समाचार, रचनाएं भेजिए ईमेल peoplesfriend9@gmail.com पर। मो. 9897791822 पर अपने नाम पते सहित अपना संदेश एसएमएस कर सकते हैं। रिपोर्टर बनकर अपनी आमदनी बढ़ाएं हमें भी सहयोग दें। हिंदी समाचार-विचार वेबसाइट्स- https://uttaranchaljandrishtikon.page और https://peoplesfriend.page