नई दिल्ली। कोरोना का फैलाव रोकने के लिए लागू लाॅकडाउन से हर किसी की आमदनी पर असर पड़ा है। लोग आर्थिक रूप से बहुत असुरक्षित अनुभव कर रहे हैं। सरकार की कार्रवाइयां और डरा रही हैं। प्राइवेट सैक्टर में नौकरी और दूसरे रोजगार तो खत्म हुए ही हैं सरकार भी कम कर्मचारियों से काम चलाने, लोगों के वेतन, भत्तों और पेंशन में कटौती कर डर को और बढ़ा रही है। सरकार बुढ़ापे या आढ़े वक्त के लिए की गई बचतों पर ब्याज कम कर रही है। सरकार ने जनरल प्रोविडेंट फंड (जीपीएफ) समेत अन्य फंड्स की ब्याज दरों में कटौती की है। इसके मुताबिक अप्रैल-जून 2020 तिमाही में ग्राहकों को 7.1 प्रतिशत की दर से ब्याज मिलेगा। इसके पहले वाली तिमाही में यह दर 7.9: थी। वित्त मंत्रालय के नोटिफिकेशन के अनुसार- यह ब्याज दर केंद्रीय कर्मचारियों, रेलवे और सुरक्षाबलों के प्रोविडेंट फंड्स के अलावा पब्लिक प्रोविडेंट फंड पर भी लागू होगी। नई ब्याज दर 1 अप्रैल 2020 से प्रभावी मानी जाएंगी। जीपीएफ पर मिलने वाले ब्याज दर की समीक्षा हर 3 महीने की जाती है।
सरकार के फैसले से ये जनरल प्रोविडेंट फंड (केंद्रीय सेवा), कांट्रिब्यूटरी प्रोविडेंट फंड (भारत), ऑल इंडिया सर्विस प्रोविडेंट फंड, स्टेट रेलवे प्रोविडेंट फंड, जनरल प्रोविडेंट फंड (रक्षा सेवा), इंडियन ऑर्डनेंस डिपार्टमेंट प्रोविडेंट फंड, इंडियन ऑर्डनेंस फैक्ट्रीज वर्कमेन्स प्रोविडेंट फंड, इंडियन नेवल डाकयॉर्ड वर्कमेन्स प्रोविडेंट फंड, डिफेंस सर्विस ऑफिसर्स प्रोविडेंट फंड, आर्म्ड फोर्सेस पर्सनल प्रोविडेंट फंड आदि योजनाएं प्रभावित होंगी। जीपीएफ का फायदा केवल सरकारी कर्मचारियों को ही मिलता है और वह भी रिटायरमेंट के वक्त। ये एक तरह की रिटायरमेंट प्लानिंग होती है, क्योंकि, इसकी रकम कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद मिलती है। सरकारी कर्मचारी अपनी सैलरी का 15 फीसदी तक जीपीएफ खाते में योगदान करते है।
जीपीएफ अकाउंट में सरकारी कर्मचारी को इंस्टॉलमेंट में एक निश्वित वक्त तक योगदान देना होता है। अकाउंट होल्डर जीपीएफ खोलते वक्त नॉमिनी भी बना सकता है। अकाउंट होल्डर को रिटायरमेंट के बाद इसमें जमा पैसों का भुगतान किया जाता है, वहीं अगर अकाउंट होल्डर को कुछ हो जाए तो नॉमिनी को भुगतान किया जाता है। जीपीएफ से लोन लेने की भी सुविधा है और खास बात यह है कि लोन ब्याज मुक्त होता है। कोई कर्मचारी अपने पूरे करियर में कितनी ही बार ळच्थ् से लोन ले सकता है यानी इसकी कोई निश्चित संख्या नहीं है।
प्रोविडेंट फंड (पीएफ) अकाउंट किसी भी इंप्लॉई का हो सकता है। फिर वह सरकारी नौकरी में हो या प्राइवेट। इसे इंप्लॉयर द्वारा खोला जाता है और इंप्लॉई व इंप्लॉयर दोनों की ओर से 12-12 फीसदी का योगदान दिया जाता है। इंप्लॉयर के 12 फीसदी में से 8.33 फीसदी इंप्लॉई की पेंशन में जाता है। इंप्लॉई अपने पीएफ फंड को जरूरत पड़ने पर निकाल सकता है। पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) अकांउट को कोई भी नागरिक खुद से खुलवा सकता है। इसके लिए उसका इंप्लॉई होना जरूरी नहीं है। यह सेविंग्स कम टैक्स सेविंग्स अकाउंट होता है। इसका फायदा यह है कि इसमें होने वाला डिपॉजिट टैक्स फ्री रहता है, उस पर मिलने वाले ब्याज और मैच्योरिटी पर मिलने वाला पैसे पर भी टैक्स नहीं लगता है। पीपीएफ का मैच्योरिटी पीरियड 15 साल है। इसमें सालाना 500 रुपए के न्यूनतम निवेश से लेकर 1.5 लाख रुपए तक का अधिकतम निवेश किया जा सकता है।
समस्त सम्मानित भारतीय नागरिकगण, सादर अभिनंदन ! आज के विषम दौर में सरकारी और प्राइवेट सैक्टर की मनमानियां, लापरवाहियां, जनविरोधी नीतियों का सच सामने आ रहा है। हम जिन ईश्वर, देवी-देवताओं, पीर-पैगंबरों आदि तथाकथित अदृश्य शक्तियों को कल्याणकारी और दुखहर्ता मानते रहे वे सब झूठ साबित हो रहे हैं। विज्ञान, मानवता, इंसानी विवेक और उसकी जद्दोजहद ही इनसान के काम आ रही है। समकालीन भारत - दुनिया में वास्तव में क्या हो रहा है यह जानना और समझना और उसके हिसाब से अपने आपको / समाज को बचाने के लिए जरूरी है कि आप सही सूचनाएं ग्रहण करें। हमारा ऐसा ही प्रयास है। कृपया हमारी वेबसाइट देखें, अपनी राय, समाचार, रचनाएं भेजिए ईमेल peoplesfriend9@gmail.com पर। मो. 9897791822 पर अपने नाम पते सहित अपना संदेश एसएमएस कर सकते हैं। रिपोर्टर बनकर अपनी आमदनी बढ़ाएं हमें भी सहयोग दें। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय हिंदी समाचार-विचार वेबसाइट्स- https://uttaranchaljandrishtikon.page और https://peoplesfriend.page