दोहा। खाड़ी देशों में भारतीय और अन्य देशों के कामगारों की हालत बेहद खराब है, वे भूखे-प्यासे और अमानवीय स्थितियों में रहने को मजबूर हो गये हैं। दुनिया के सबसे अमीर देशों में से एक कतर में प्रवासी मजदूरों को खाने और दूसरी चीजों के लाले पड़ गए हैं। जानकारी के मुताबिक कतर में करीब एक चैथाई लोगों का टेस्ट कोरोना पॉजिटिव निकला है। इस महामारी का प्रसार रोकने के लिए वहां लॉकडाउन लागू किया गया है। इसके कारण प्रवासी मजदूरों के पास न काम है, न पैसे हैं और न ही वतन वापसी का कोई रास्ता। उन्हें खाने के लाले पड़ गए हैं। इनमें बड़ी संख्या में भारतीय मजदूर भी शामिल हैं। सरकारें कुछ मदद करने की स्थिति मंे नहीं हैं, सारी जिम्मेदारी इनको काम पर लगाने वाले ठेकेदारों की है और ठेकेदारों ने हाथ खड़े कर दिए हैं।
कतर को 2020 में फीफा फुटबॉल कप की मेजबानी मिली है। इसके लिए वहां बड़े पैमाने पर स्टेडियमों के साथ-साथ बुनियादी ढांचे का भी विकास किया जा रहा है। इसके लिए वहां हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर काम कर रहे थे। लेकिन कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण निर्माण गतिविधियां भी ठप्प पड़ी हैं। कतर में 20 लाख से अधिक प्रवासी मजदूर हैं। पिछले एक सप्ताह के दौरान वहां जितने टेस्ट किए गए उनमें से 25 फीसदी पॉजिटिव पाए गए। इनमें बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर भी शामिल हैं। कतर में काम करने वाले मजदूरों में अधिकांश भारत, नेपाल, पाकिस्तान और बांग्लादेश के हैं।
पिछले दो महीने से एक इंडस्ट्रियल एरिया में फंसे भारत के फिरोज ने कहा, कंपनी ने कहा था कि वह हमें अप्रैल की तनख्वाह नहीं देगी लेकिन खाने के लिए कुछ पैसे देगी। लेकिन हमें कुछ नहीं मिला। कुछ दिन पहले उन्होंने हमें अंडों की एक ट्रे और कुछ तेल दिया था। इसके अलावा हमें कुछ नहीं मिला। हमें यहां कई दिक्कतें हो रही है। ऐसा लग रहा है कि हम जेल में हैं। कतर ही नहीं बल्कि दूसरे खाड़ी देशों में भी प्रवासी मजदूरों की यही स्थिति है। इन देशों में दक्षिण और दक्षिणपूर्व एशिया और पूर्वी अफ्रीका के हजारों मजदूर काम करते हैं। कुवैत में प्रवासी मजदूरों के आत्महत्या करने के मामले बढ़े हैं। संयुक्त अरब अमीरात में हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर फंसे हैं जबकि सऊदी अरब ने घरों में काम करने वाले इथियोपिया के हजारों कामगारों को निकाल दिया है।
समस्त सम्मानित भारतीय नागरिकगण, सादर अभिनंदन ! आज के विषम दौर में सरकारी और प्राइवेट सैक्टर की मनमानियां, लापरवाहियां, जनविरोधी नीतियों का सच सामने आ रहा है। हम जिन ईश्वर, देवी-देवताओं, पीर-पैगंबरों आदि तथाकथित अदृश्य शक्तियों को कल्याणकारी और दुखहर्ता मानते रहे वे सब झूठ साबित हो रहे हैं। विज्ञान, मानवता, इंसानी विवेक और उसकी जद्दोजहद ही इनसान के काम आ रही है। समकालीन भारत - दुनिया में वास्तव में क्या हो रहा है यह जानना और समझना और उसके हिसाब से अपने आपको / समाज को बचाने के लिए जरूरी है कि आप सही सूचनाएं ग्रहण करें। हमारा ऐसा ही प्रयास है। कृपया हमारी वेबसाइट देखें, अपनी राय, समाचार, रचनाएं भेजिए ईमेल peoplesfriend9@gmail.com पर। मो. 9897791822 पर अपने नाम पते सहित अपना संदेश एसएमएस कर सकते हैं। रिपोर्टर बनकर अपनी आमदनी बढ़ाएं हमें भी सहयोग दें। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय हिंदी समाचार-विचार वेबसाइट्स- https://uttaranchaljandrishtikon.page और https://peoplesfriend.page