वॉशिंगटन। उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग-उन के पब्लिक में दिखने के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप खुश हैं। किम के गंभीर रूप से बीमार होने की अटकलों के करीब तीन हफ्तों बाद पहली बार वह जनता के सामने दिखाई दिए। इसके बाद ट्रंप ने ट्वीट किया, मुझे यह देखकर खुशी हुई कि वह वापस आ गए और स्वस्थ हैं।
किम 13 अप्रैल के बाद हफ्तों तक पब्लिक में दिखाई नहीं दिए थे और यहां तक कि अपने दादा किम इल-सुंग की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में शरीक नहीं हुए थे। 2011 में सत्ता संभालने के बाद पहली बार ऐसा हुआ जब किम ने इतनी लंबी अवधि तक सार्वजनिक रूप से न दिखे हों। इसलिए उनके सेहत को लेकर अटकलें लगाई जाने लगीं और यहां तक कि उनकी मौत की खबरें तक लिखी/कही गईं। यही नहीं उनके उत्तराधिकारी को लेकर भी चर्चा होने लगी।
किम शुक्रवार को सुनचोन में एक उर्वरक फैक्ट्री के उद्घाटन के मौके पर सार्वजनिक रूप से दिखाई दिए। उत्तर कोरिया के सरकारी टेलीविजन चैनल पर उन्हें चलते हुए, मुस्कुराते हुए और सिगरेट पीते हुए दिखाया गया। जबकि वह अपने दिवंगत दादा किम इल सुंग की जयंती पर आयोजित समारोह में शामिल नहीं हुए थे।
उत्तर कोरिया ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को उस वक्त शर्मिंदा कर दिया था जब उसने किम जोंग-उन की तरफ से चिट्ठी भेजे जाने के दावे को खारिज कर दिया था। प्योंगयांग ने कहा था कि ट्रंप, उत्तर कोरिया के शासक किम के साथ अपने रिश्ते का इस्तेमाल स्वार्थी उद्देश्यों के लिए कर रहे हैं। कोरिया के विदेश मंत्री ने कहा था, ट्रंप ने पहले भेजी गई निजी चिट्ठियों का जिक्र किया गया होगा। हम इस मुद्दे को देख रहे हैं कि कहीं अमेरिकी नेतृत्व जानबूझकर मीडिया में ऐसी स्टोरी तो नहीं फिट कर रहे हैं। ट्रंप ने दावा किया था कि उन्हें किम की एक बेहद प्यारी चिट्ठी मिली है। उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि किम और ट्रंप के रिश्ते का स्वार्थी हितों या डायवर्जन के लिए दुरूपयोग नहीं होना चाहिए। उल्लेखनीय है कि ट्रंप और किम अपने असाधारण रिश्ते की तारीफ करते रहे हैं। 2018 में सिंगापुर में दोनों की पहली बैठक से पहले और बाद में दोनों के बीच निजी चिट्ठियों का आदान-प्रदान भी होता रहा है।
मालूम हो कि उत्तर कोरिया में स्वतंत्र प्रेस और सोशल मीडिया नहीं है। दुनिया भर के समाचार माध्यम उत्तर कोरिया के सरकारी समाचार माध्यमों या सरकारी विज्ञप्तियों पर निर्भर रहते हैं। लेकिन उत्तर कोरिया में कथित तानाशाही और किम के बावत खूब मनगढंत खबरें चलाई जाती हैं। विदू्रप यह है कि जो विदेशी मीडिया उत्तर कोरिया में स्वतंत्र प्रेस न होने की बात कहता है वही उत्तर कोरिया और किम के बारे में तरह-तरह की खबरें चलाता है तो सवाल उठता है कि वह खबरें उसे किस स्रोत से प्राप्त होती हैं ?
समस्त सम्मानित भारतीय नागरिकगण, सादर अभिनंदन ! आज के विषम दौर में सरकारी और प्राइवेट सैक्टर की मनमानियां, लापरवाहियां, जनविरोधी नीतियों का सच सामने आ रहा है। हम जिन ईश्वर, देवी-देवताओं, पीर-पैगंबरों आदि तथाकथित अदृश्य शक्तियों को कल्याणकारी और दुखहर्ता मानते रहे वे सब झूठ साबित हो रहे हैं। विज्ञान, मानवता, इंसानी विवेक और उसकी जद्दोजहद ही इनसान के काम आ रही है। समकालीन भारत - दुनिया में वास्तव में क्या हो रहा है यह जानना और समझना और उसके हिसाब से अपने आपको / समाज को बचाने के लिए जरूरी है कि आप सही सूचनाएं ग्रहण करें। हमारा ऐसा ही प्रयास है। कृपया हमारी वेबसाइट देखें, अपनी राय, समाचार, रचनाएं भेजिए ईमेल peoplesfriend9@gmail.com पर। मो. 9897791822 पर अपने नाम पते सहित अपना संदेश एसएमएस कर सकते हैं। रिपोर्टर बनकर अपनी आमदनी बढ़ाएं हमें भी सहयोग दें। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय हिंदी समाचार-विचार वेबसाइट्स- https://uttaranchaljandrishtikon.page और https://peoplesfriend.page