योगी सरकार की संवेदनहीनता, घोर अमानवीयता, जनविरोधी चरित्र पर उठ रहे सवाल, आखिर योगी खुद आपराधिक पृष्ठभूमि के नेता हैं


लखनऊ। योगी आदित्यनाथ जब से यूपी के मुख्यमंत्री बने हैं तब से लोगों की जान बड़े सामान्य कारणों से जा रही है। लोग भयंकर मुसीबतों में हैं। साल 2017 में गोरखपुर में आॅक्सीजन के अभाव में कई सौ बच्चे मर गये। फर्जी मुठभेड़ों में सैकड़ों लोगों की जान ले ली गई। सीएए और एनआरसी के विरोध में चले आंदोलन में भी कई दर्जन लोगों की जान चली गई। यहां लोकतंत्र, मानवाधिकार और संवैधानिक अधिकार मांगने वालों को सताया और जेलों में ठंूसा जा रहा है। मोदी सरकार द्वारा मनमाने और अमानवीय तरीके से लागू किये गये लाॅकडाउन से त्रस्त लाखों मजदूर उत्तर प्रदेश लौट रहे हैं तो सरकार उनसे अमानवीय तरीके से पेश आ रही है। जनता के दुख-दर्द से जैसे उन्हें कोई मतलब नहीं है। हो भी क्यों, आखिर योगी का आपराधिक इतिहास है। वे अपने संगठन के हिंदू युवा वाहिनी के जरिये स्वयं एक समय गोरखपुर और आसपास के इलाके में कानून और व्यवस्था के लिए समस्या थे। खुद योगी पर संगीन मुकदमे थे जो उन्होंने मुख्यमंत्री बनने पर वापस ले लिए।
 औरैया सड़क हादसे में मारे गये श्रमिकों के शव के साथ घायल को ले जाने संबंधी वायरल वीडियो का हवाला देते हुये समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार के कारनामों से मानवता शर्मसार हो रही है। उन्होने सोमवार को जारी बयान में कहा समझ में नहीं आता कि कोई सरकार कैसे इतनी अमानवीय हो सकती है। औरैया सड़क हादसे में झारखण्ड के मृत श्रमिकों और घायलों को एक साथ खुले ट्रक से रवाना किया गया। एक मृतक का पिता खेत मजदूर है वह अपने बेटे का शव लेने के लिए 19 हजार रूपए खर्च कर आने को मजबूर हुआ। यादव ने कहा कि भाजपा सरकार के रवैये से मजदूर आक्रोशित है। इससे सरकार की नीतियों और कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न लगा है। लाॅकडाउन के चलते सपा ने सरकार को तमाम तरह के सुझाव दिए और लगातार जमीनी सच्चाई उजागर की, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की टीम इलेवन अहंकार में डूबी रही। अब हालात नियंत्रण के बाहर अराजकता तक पहुंच गये है। आखिर इस संकट की जिम्मेदारी किसकी है। उन्होने कहा कि प्रदेश की सीमाओं को अचानक बंद करने के आदेश से स्थिति और गम्भीर हो चली है। सीमावर्ती इलाकों में प्रवासी मजदूर भूख प्यास से व्याकुल होकर पुलिस वालों से प्रवेश पाने के लिए गिड़गिड़ा रहे हैं। जो लोग बीच प्रदेश में फंसे है उनके साथ पुलिस दुव्र्यवहार कर रही है। 
 सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार के अदूरदर्शी फैसलों के चलते गरीब और बेबस श्रमिकों की जिंदगी नर्क हो गई है। मथुरा में कोसीकलाॅ से फरह तक हाईवे पर जमा श्रमिकों को जब सात घंटे तक खाना पानी नहीं मिला, बसों की व्यवस्था नहीं हुई तो उनके आक्रोश व्यक्त करने पर पुलिस ने जमकर लाठियां बरसाई। सहारनपुर और झांसी में भी कामगारों का सब्र टूट गया। लाठियों की यह चोट गरीब जनता कभी नहीं भूलेगी। उन्होने कहा कि भाजपा सरकार से आग्रह है कि वह संवेदनशील होने का परिचय दे। जो लोग सैकड़ों मील चलकर जहां भी पहुंचे हैं, अब वहीं से आगे उन्हें घर भिजवाने की तुरन्त व्यवस्था की जाए। पुलिस एक सीमा से आगे जनसैलाब का सामना नहीं कर सकती हैं। सरकारी अराजकता ने प्रदेश में हजारों बच्चों का बचपन छीना है और उन्हें भी पलायन की त्रासदी का अंग बना दिया है।
 यादव ने कहा कि सरकार की इससे ज्यादा अक्षमता का प्रमाण क्या मिल सकता है कि समय से निर्णय नहीं कर सकी। लाखों श्रमिक पैदल मारे-मारे फिर रहे हैं। उनमें से सैकड़ों तो रास्ते में ही मर गये। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लाचार श्रमिकों को अपने ही गृह राज्य में उत्पीड़न और अपमानित होना पड़ रहा है। अखिलेश ने कहा कि मुख्यमंत्री की टीम इलेवन की बैठकों का नतीजा आज तक अमल में नहीं आया। कोरोना पीड़ितों की संख्या में लगातार वृद्धि तो होती जा रही है। टीम इलेवन के कारण पूरा प्रशासन पस्त हो गया है। सरकारी मशीनरी निष्क्रिय है। पुलिस करे तो क्या करे, उन्हें कुछ सूझता नहीं है। सपा की मांग है कि श्रमिक कामगार की किसी भी हादसे में मौत पर प्रत्येक के परिजन को दस लाख रूपयें की आर्थिक मदद तत्काल दें। सरकार की यह जिम्मेदारी है कि मजदूरों को गंतव्य स्थल तक सम्मानपूवर्क एवं सुविधा से पहुंचायें, और उनके जीवनयापन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये।


फराह खान ने इवेंट के लिए तैयार होकर तस्वीर जारी की, आखिरकार इंसान की तरह दिख रही हूं, कोई फिल्टर नहीं, कोई फोटोशॉप नहीं !
मुंबई। कोरियोग्राफर-फिल्मकार फराह खान एक ऑनलाइन इवेंट के लिए तैयार हुईं और उसके बाद उन्होंने कहा कि आखिरकार इंसान की तरह दिख रही हूं। फराह खान ने इंस्टाग्राम पर अपनी एक तस्वीर पोस्ट की। तस्वीर में वह थोड़े मेकअप में नजर आ रही हैं, उन्होंने बालों को ब्लो ड्राई किया है और फ्लोरल प्रिंट वाला काले रंग का टॉप पहन रखा है। फराह ने तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा, ऑनलाइन इवेंट के लिए लंबे समय बाद तैयार हुई। आखिरकार इंसान की तरह दिख रही हूं। कोई फिल्टर नहीं, कोई फोटोशॉप नहीं।
 फराह के दोस्तों और सहकर्मियों ने कमेंट सेक्शन में जाकर उनकी तरीफ की। अभिनेत्री तब्बू ने लिखा, उफ्फ। फिल्मकार पुनीत मल्होत्रा ने कमेंट किया, ये जवानी।
 मालूम हो कि ग्लैमर जगत के लोगों को अपनी चमक-दमक दिखाने के लिए काफी मेकअप और ड्रेस का ध्यान रखना पड़ता है। महिलाओं को खासतौर से बोल्ड दिखने के लिए बहुत जतन करने पड़ते हैं। वे प्रायः चाहकर भी सामान्य रह नहीं पाते। क्योंकि लोगों का ध्यान उनकी तरफ नहीं जाएगा तो सेलेब्स की मार्केट वैल्यू कम हो जाएगी।


सम्मानित पाठक/पाठिकाओं, सादर अभिवादन !
बहुत देशों, इटली, स्पेन, अमेरिका इत्यादि ने लाॅकडाउन लगाया लेकिन कोरोना का प्रसार नहीं रुका। भारत में बिना किसी तैयारी और लोगों के रहने/खाने इत्यादि की व्यवस्था किये बिना लागू लाॅकडाउन से कोरोना का प्रसार तो नहीं रुका लेकिन लाखों-करोड़ों लोगों की जिंदगी रुक गई है। अनेक देशों जैसे क्यूबा, दक्षिण कोरिया, वेनेजुएला, ताइवान आदि में लाॅकडाउन नहीं लगाया गया लेकिन कोरोना से ज्यादा नुकसान नहीं हुआ क्योंकि इन देशों ने बेहतर इंतजाम किये थे।
 लगता है मौजूदा सरकार जनता को बदहाली में रखना चाहती है, कभी नोटबंदी, कभी जीएसटी से जीवन बुरी तरह प्रभावित होती है। मंदी आती है तो सरकार राहत नहीं देती। और फिर सीएए, एनआरसी जैसी मुसीबतें लाद देती है। और फिर कोरोना एक बड़ा बहाना, जनता को तबाह करने का। खैर... लाॅकडाउन से कोरोना प्रसार तो नहीं ही रुकना था, न रुका। जीवन में खलल पड़ा है, इसे संभालने का समय है और पूरे मामले को जानने-समझने का भी। सबसे बड़ी बात मानवीयता की है, आप कितने सहज रहते हुए खुद को संभालते हैं और दूसरों का सहयोग करते हैं। हम देश-दुनिया की तमाम गतिविधियों को आपकी जानकारी के लिए जुटाते हैं, पढ़िए, समझिए, जागरूक बनिये, औरों को जागरूक करिये। अपने सुझाव, विचार, समाचार, रचनाएं प्रकाशनार्थ आप हमें ईमेल peoplesfriend9@gmail.com पर भेज सकते हैं। -संपादक, पीपुल्सफ्रैंड.पेज


Popular posts
वे मुसलमान थे - देवी प्रसाद मिश्र की कविता
Image
रामधारी सिंह दिनकर - समर शेष है नहीं पाप का भागी केवल व्याध, जो तटस्थ हैं, समय लिखेगा उनके भी अपराध
Image
कुछ कविताएं - ओमप्रकाश वाल्मीकि : शब्द झूठ नहीं बोलते / सदियों का संताप / उन्हें डर है / तब तुम क्या करोगे / कभी सोचा है ?-- यदि तुम्हें, सरे आम बेइज्जत किया जाय, छीन ली जाय संपत्ति तुम्हारी
Image
#Biggini Shoot मालदीव में Tapsee Pannu ने की मस्ती, शेयर की बिकिनी तस्वीरें, समर्थक कर रहे प्रोत्साहित, जानिये तापसी की आने वाली फिल्मों के नाम और डाइट प्लान
Image
क्या होती है कीटो डाइट जिससे युवा अभिनेत्री मिस्टी मुखर्जी की जान गई ? आप भी डाइटिंग कर रहे हैं और सतर्क रहें
Image