वाॅशिंगटन। चीन की कंपनी टेनसेंट होल्डिंग के स्वामित्व वाले मल्टीपर्पज मैसेजिंग ऐप वीचैट पर बैन लगाने के फैसले के खिलाफ अमेरिकी यूजर आ गए हैं। अमेरिका के नॉन प्रॉफिट संगठन वीचैट यूजर्स अलायंस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। यह मुकदमा वीचैट को बैन करने के लिए एक्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी करने पर दर्ज कराया गया है। फॉक्स बिजनेस की रिपोर्ट के मुताबिक, वीचैट यूजर्स अलायंस ने 21 अगस्त को सैन फ्रांसिस्को की अदालत में मैसेजिंग ऐप को बैन करने के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। अलायंस का कहना है कि राष्ट्रपति ट्रंप का एक्जीक्यूटिव ऑर्डर, फ्रीडम ऑफ स्पीच, फ्रीडम ऑफ एक्सरसाइज ऑफ रिलिजन और कानूनी अधिकारों का उल्लंघन बताया है। याचिका में वीचैट यूजर्स ने कहा है कि वे इस मैसेजिंग ऐप का इस्तेमाल काम, पूजा और चीन में रह रहे अपने रिश्तेदारों के साथ संपर्क में रहने के लिए करते हैं। अलायंस ने अदालत ने एक्जीक्यूटिव ऑर्डर पर रोक लगाने की मांग की है। यूजर्स के इस अलायंस का वीचैट की पैरेंट कंपनी टेनसेंट होल्डिंग से कोई संबंध नहीं है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 6 अगस्त को दो एक्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन किए थे। इन एक्जीक्यूटिव ऑर्डर के जरिए ट्रंप प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से वीचैट और टिकटॉक पर बैन लगा दिया है। हालांकि, यह प्रतिबंध 45 दिन बाद यानी 15 सितंबर से अमल में आना है। हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी कंपनी बायडांस को टिकटॉक का अमेरिकी कारोबार बेचने के लिए 90 दिन की मोहलत दी है। टिकटॉक के अमेरिकी कारोबार को खरीदने के लिए माइक्रोसॉफ्ट, ट्विटर और ओरेकल की बायडांस से बातचीत चल रही है। माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला ने डोनाल्ड ट्रंप को भी इसकी जानकारी दी है। डोनाल्ड ट्रंप ने भी माइक्रोसॉफ्ट-बायडांस डील का समर्थन किया है। ट्रंप चाहते हैं कि कोई अमेरिकी कंपनी ही टिकटॉक के अमेरिकी कारोबार को खरीदे। हालांकि, अभी बायडांस की किसी भी कंपनी के साथ बातचीत फाइनल नहीं हो पाई है।
लद्दाख की गलवान घाटी में सीमा विवाद के बाद भारत सरकार ने चीन की कंपनियों के 59 ऐप्स पर बैन लगा दिया था। इसमें टिकटॉक, वीचैट, अलीबाबा ग्रुप का यूसी ब्राउजर और यूसी न्यूज जैसे पॉपुलर ऐप शामिल थे। इसके बाद सरकार ने पिछले महीने जुलाई में भी चीन के 47 ऐप्स पर बैन लगाया था। इसमें अधिकांश पहले बैन किए गए ऐप्स के क्लोन थे। इस प्रकार भारत सरकार अब तक चीन के 106 ऐप्स पर बैन लगा चुकी है।
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