संसद, विधान सभाओं में कम पढ़े, अपराधी, दबंगों, माफियाओं और धन्नसेठों की बढ़ रही तादाद


नई दिल्ली। संसद और देश की विधानसभाओं में अपराधी, माफियाओं, कम पढ़े-लिखे और धन्नासेठों की तादाद बढ़ती जा रही है। 2014 से संसद और विधानसभाओं में दागियों और दबंगों की संख्या बढ़ी है। गुजरात दंगों में आरोपी नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री, अमित शाह गृहमंत्री तो उत्तर प्रदेश में गंभीर मामलों में आरोपी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री है। पिछली भाजपा सरकार में कृषि मंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में बड़ा ढेंचा बीज घोटाला हुआ था, रावत अभी उत्तराखंड में मुख्यमंत्री हैं। आजकल राज्य में भारी भ्रष्टाचार और विकास कार्यों में कोताही की खबरें आ रही हैं। बिहार विधानसभा के 240 वर्तमान (243 में से 3 रिक्त) विधायकों में से 136 यानी 57 प्रतिशत विधायक दागी हैं। 94 पर गंभीर आपराधिक केस हैं। 160 यानी 67 प्रतिशत विधायक करोड़पति हैं। बिहार इलेक्शन वाॅच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने वर्तमान विधायकों द्वारा घोषित वित्तीय, आपराधिक, शिक्षा, लिंग और अन्य विवरणों पर आधारित रिपोर्ट में इसका जिक्र है।
 रिपोर्ट 2015 के विधानसभा चुनाव और उसके बाद उपचुनाव में दिए गए शपथ पत्र पर आधारित है। 11 विधायकों ने अपने ऊपर हत्या से जुड़े केस घोषित किए हैं। 30 पर हत्या की कोशिश का केस है। 5 विधायकों ने महिला अत्याचार से संबंधित मामले घोषित किए हैं। इनमें एक पर बलात्कार का केस है। वर्तमान विधायकों की औसत संपत्ति 3.06 करोड़ है। पार्टीवार विधायकों की औसत संपत्ति की बात करें तो राजद के विधायकों की औसत संपत्ति 3.02 करोड़, जदयू के एमएलए की 2.79 करोड़, भाजपा के 2.38 करोड़ और कांग्रेस के विधायकों की संपत्ति 4.36 करोड़ है। 18 विधायकों ने अपनी देनदारी 50 लाख और इससे अधिक घोषित की है। सबसे ज्यादा देनदारी घोषित करने वाले तीन विधायकों में डुमरांव के जदयू विधायक ददन यादव के पास 11,65,45,500 और मोकामा के निर्दलीय विधायक अनंत सिंह के पास 40201525 रुपए व भागलपुर के कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा के पास 313,04,388 की देनदारी है।
 बेनीपुर के जदयू विधायक सुनील चैधरी ने 2014-15 में खुद और पत्नी के नाम से 5 करोड़ 32 लाख 19 हजार 753 रुपए की आय दिखाई है। वहीं, खुद के नाम से 4 करोड़ 92 लाख 55 हजार 237 रु की आय दिखाई है। 94 यानी 39ः विधायकों ने शैक्षिक योग्यता 5वीं से 12वीं के बीच घोषित की है, जबकि 134 यानी 56ः विधायकों ने शैक्षिक योग्यता स्नातक और इससे अधिक घोषित की है। 9 विधायकों ने शैक्षिक योग्यता साक्षर घोषित की है। विधायकों की उम्र रू 128 यानी 53ः विधायकों ने उम्र 25 से 50 वर्ष के बीच है, जबकि 112 विधायकों यानी 47ः ने उम्र 51 से 80 के बीच घोषित की है।


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